सोनाक्षी अपने कमरे में अपना बनाया चित्र संग्रह देख रही थी। सोनाक्षी अपने कमरे में अपना बनाया चित्र संग्रह देख रही थी।
भूलती भी कैसे आख़िर पहला प्यार जो था उसका। भूलती भी कैसे आख़िर पहला प्यार जो था उसका।
याद में जो आंखें नमी सी हो चुकी 'माँ' कि यादों का खजाना हो गया। याद में जो आंखें नमी सी हो चुकी 'माँ' कि यादों का खजाना हो गया।
पर जानती हूँ बरखा की हर बून्द तुम्हे भी मेरी याद दिलाती होंगी... मुझे भूल तो ना पाए होंगे तुम पर जानती हूँ बरखा की हर बून्द तुम्हे भी मेरी याद दिलाती होंगी... मुझे भूल तो ना ...
जब कभी बंद करती हूं अपनी आंखें नज़र आतें हैं वही जिन्हें खो दिया है अपनी ही नादानी से. जब कभी बंद करती हूं अपनी आंखें नज़र आतें हैं वही जिन्हें खो दिया है अपनी ही नादा...
इतने अरसे बाद मायके आना उसके लिए कोई उत्सव से कम नहीं था. इतने अरसे बाद मायके आना उसके लिए कोई उत्सव से कम नहीं था.